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श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
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श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
Salutations to the a single that is offended, salutations towards the killer of Madhu, Salutations to 1 who was victorious about Kaitabha, salutations to the killer of Mahisha
जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
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हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।